bhartiya arthvyavastha ka mahatva
bhartiya arthvyavastha mein krishi ka mahatva
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भारतीय अर्थव्यवस्था में कृषि का महत्व pdf
भारतीय अर्थव्यवस्था में कृषि का महत्व
भारतीय कृषि को भारतीय अर्थव्यवस्था को रीढ की हड्डी् कहा जाता है । क्योंकि भारत के कृषि के विकास पर अन्य क्षेत्रों के विकास सम्भव है क्योंकि इसी के कारण भारतीय अर्थव्यवस्था पर भी विकास होता है । यही कारण है कि कृषि पर सबसे ज्यादा महत्व दिया जाता है । भारतीय अर्थव्यवस्था में कृषि का महत्व निम्नलिखित है -
1. सर्वाधिक रोजगार का साधन - भारत में कृषि पालन पोषण के लिए एक अच्छा साधन के साथ रोजगार का भी आधार है। जो देश की लगभग दो-तिहाई जनसंख्या कृषि कार्यों में अप्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से काम करती है ।और अपना जीवन यापन करती है। यह निजी क्षेत्र का सबसे बडा व्यवसाय माना जाता है। कुछ व्यक्ति मुख्य रूप से अपना व्यवसाय के लिए अपनाया है।
2. राष्ट्रीय आय का मुख्य साधन - भारत एक कृषि प्रधान देश है । जिस कारण भारत में कृषि वन एवं अन्य प्राथमिक के साथ सकल घरेलू उत्पाद का बहुत योगदान रहा है। राष्ट्रीय आय का मुख्य साधन खेती है कुल आय का 51 प्रतिशत भाग खेती एवं पशु से प्राप्त होता है ।
3. निर्यात व्यापार में महत्व - देश में कृषि निर्यात के क्षेत्र में एक बडे भाग की पूर्ति करती है। चाय, तम्बाकू, मसाला, आदि का विदेशी व्यापार में काफी योगदान रहा है । कृषि के क्षेत्र से उपजो काे निर्यात करने में बडी मात्रा में विदेशी विनिमय प्राप्त होता है । आवश्यक वस्तुओं का आयात करने में हानि होती है तो उस हानि को पूरा करने में यह सहायक सिद्ध होता है।
4. प्रमुख उद्योगाे के लिए कच्चे माल का स्त्रोत - भारत में बहुत से उद्योग कच्चे माल पर आधारित होते है जैसे - सूती वस्त्र, पटसन, चीनी, वनस्पति, घी, तेल, काफी, चाय, रबड, आदि उद्योगाें के लिए कृषि कच्चे माल ( रूई, चीनी, जूट, गन्ना, बिनौला, तिलहन) आदि की आपूर्ति करती है।
5. सरकार की आय साधन - केन्द्र सरकार व राज्य सरकारों को भी कृषि से आय प्राप्त होती है । केन्द्र सरकार निर्यात कर एवं कृषि सम्पत्ति से कर लेता है और राज्य सरकारों को मालगुजारी, सिचाई कर, कृषि आयकर आदि से आय प्राप्त होती है।
6.आन्तरिक व्यापार में योगदान - देश के अन्दर व्यापार कार्य को करने का अप्रत्यक्ष महत्व देखा जाता है। जैसे कृषि पदार्थो के व्यापार से लोगों के पास रोजगार एवं आय प्राप्त होती है।
7. पशुपालन को बढावा देना - कृषि के विकास में पशुओं का भी महत्व है जैसे पशुपालन, मछलीपालन, मुर्गीपालन आदि को बढावा देने से किसान को खाद के साथ दूध, अण्डा, मास आदि प्राप्त होता है। इसके साथ ही रोजगार भी प्राप्त होता है। और लोगों के पास आय का एक साधन होता है।
8.परिवहन का विकास -देश के अंदर परिवहन के माध्यम से भारी मात्रा में खाद्यान्न, रासायनिक खाद, कृषि यंत्र, कृषि वस्तुओं आदि को लाया एवं लेजाया जाता है। फसलों के उत्पादन में इन साधनों का काफी प्रभाव पड़ता है क्योंकि उत्पादन बढ़ाने पर परिवहन से आय की प्राप्ति अधिक होती है। कृषि विकास के लिए परिवहन का अधिक महत्व है। यह अनेक अनाज मंडियों व्यापारियों एवं औद्योगिक केन्द्रों की स्थापना करने में सहायक होता है।
9. आर्थिक नियोजन में महत्व -कृषि प्रधान देश होने के कारण इससे आर्थिक विकास के आधार के रूप में जाना जाता है । आर्थिक नियोजन में कृष का महत्वपूर्ण स्थान है इसका प्रभाव हमारे उद्योग धंधों वाणिज्य व्यापार तथा परिवहन के साधनों पर पड़ता है|